71 से ज्यादा देशों में फैल चुका मंकीपॉक्स का खतरा अब भारत में बढ़ रहा है। भारत में मंकीपॉक्स का खतरा (Monkeypox In India) बढ़ता जा रहा है. केरल में इस वायरस के दो मरीजों की पुष्टि हो चुकी है जिसे देखते हुए सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कर उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है। मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्वास्थ्य जांच करने के आदेश दे दिया है। वहीं इसके साथ ही मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए विश्व हेल्थ नेटवर्क (World Health Network) इसे महामारी घोषित कर चुका है। मंकीपॉक्स वैसे तो पूरे शरीर को संक्रमित कर देता है लेकिन अगर यह आँखों तक पहुंच जाए तो लोग अंधेपन का भी शिकार हो सकते है। आईए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से.....
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मंकीपॉक्स से भारत में खतरा हो सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार, पॉक्स के दौरान निकलने वाले रैशेज से संक्रमण शरीर में तेजी से फैलता है और यह बच्चों के साथ साथ व्यस्कों के लिए भी खतरनाक है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर मंकीपॉक्स के रैशज आंख के आसपास निकलते हैं तो आंख को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है इतना ही नहीं इससे अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं।
कितना खतरनाक है ये वायरस
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉलपॉक्स (Smallpox) की तरह है। स्मॉल पॉक्स के दौरान जब आंखों के आसपास रैशेज निकलते थे तो उससे आंखों को भी नुकसान होता था और कई मामलों में लोग अंधेपन का शिकार हो जाते थे। इस वायरस से संक्रमित होने के चार से पांच दिन में चेहरे पर दाने निकलने लगते हैं और अगर यह रैसेज आंख तक पहुंचते है तो अंधे होने का खतरा है। ऐसे में इस वायरस को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
भारत में भी बढ़ सकते हैं केस
एक्सपर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में भारत में मंकीपॉक्स के मामलें बढ़ सकते हैं क्य़ोंकि जो दो संक्रमित मरीज मिले हैं वह कई लोगों के संपर्क में आए होंगे। अगर इन सभी को सही समय पर आइसोलेट नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में केस बढ़ सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को ट्रेस कर आईसोलेट कर दिया जाए ताकि भारत में संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
कोविड से ज्यादा है मृत्युदर
मंकीपॉक्स में मृत्युदर कोरोना से ज्यादा
एक्सपर्ट के अनुसार, यह वायरस कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता। लेकिन इसमे मृत्युदर कोरोना से ज्यादा है। कोरोना से बच्चों को खतरा नहीं हुआ था, लेकिन मंकीपॉक्स बच्चों के लिए भी खतरनाक है। इसलिए हम सभी को ज्यादा से ज्यादा से सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि लोगों को अभी इस बारे ज्यादा जागरूकता नहीं है। क्योंकि अगर एक बार ये वायरस फैलने लगा तो भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में इसके केस तेजी से बढ़ सकते हैं.।
यह लक्षण दिखते ही खुद को आइसोलेट कर लें
एक्सपर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सबसे पहले ध्यान रखें कि जैसे ही बुखार के लक्षण दिखते है तो खुद को आइसोलेट कर लें क्योंकि इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण बुखार है। उसके बाद ही चेहरे पर दाने निकलते हैं तो पौरन डाॅक्टर से संपर्क करें। वहीं, इस बात का ध्यान उन लोगों को ज्यादा रखना होगा जो मरीज के आसपास रहते हैं। मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे लोगों से हो रहा है ऐसे में उनके संपर्क में आने से बचें।